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संस्मरण >> जे.एन.यू. में नामवर सिंह

जे.एन.यू. में नामवर सिंह

सुमन केशरी

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2019
पृष्ठ :263
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 16119
आईएसबीएन :9788126717880

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‘जे.एन.यू. में नामवर सिंह’ दरअसल स्वयं जे.एन.यू. वासियों की अपनी गाथा है—अपने को उस स्वप्नदर्शी विश्वविद्यालय से जोड़ने की—उसे निरन्तर सुरक्षित रखने और बनाते जाने की अपनी दास्तान…

इसमें पुरानी यादें भी हैं, कसक भी है और ख़ुशी भी। ख़ुशी उस यूनिवर्सिटी से जुड़ने की जो न केवल अध्ययन—अध्यापन और शोध में निरन्तर नए प्रयोग कर रही थी, बल्कि जो अपनी ईंट-कंकरीट की इमारतों के प्रकृति के साथ संयोजन में भी अनूठापन रच रही थी।

जिस समय जे.एन.यू. की इमारतें अरावली की पहाड़ियों पर उभर रही थीं, उस समय यूँ तो पर्यावरण की रक्षा पर इतना बल न था—पर वह यूनिवर्सिटी ही क्या जो भविष्योन्मुखी न हो—जो परम्परा से जुड़ती और उससे संवाद न करती हो—जो सर्वहितकारी और जीवन्त न हो…

तो जे.एन.यू. स्मृति भी है और प्रकृति भी…

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